आयुष चिकित्सकों को एलोपैथ चिकित्सकों के बराबर मानदेय, नियुक्त 3012 आयुष चिकित्सकों को मिलेगा लाभ
आयुष चिकित्सकों को एलोपैथ चिकित्सकों के बराबर मानदेय, नियुक्त 3012 आयुष चिकित्सकों को मिलेगा लाभ
पटना [राज्य ब्यूरो]। सूबे में संविदा पर कार्यरत 3021 आयुष चिकित्सकों को संविदा पर कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सकों के समतुल्य ही 49 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ज्ञान भवन में आयोजित आयुर्वेद पर्व के उद्घाटन समारोह में यह ऐलान किया। आयुर्वेद पर्व का आयोजन ऑल इंडिया आयुर्वेदिक कांग्रेस के तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम का आयोजन बिहार स्टेट आयुर्वेदिक कांग्रेस तथा स्वास्थ्य (आयुष) विभाग ने संयुक्त रूप से किया था। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद थे।
बिहार में 2010 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 1384 तथा 2015 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 1637 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति की गयी थी। 2010 में संविदा पर नियुक्त आयुष चिकित्सकों को 25 हजार दो सौ रुपये तथा 2015 में नियुक्त को 21 हजार रुपये का मानदेय मिलता है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मधुरेंदु पांडेय ने बताया कि ऐसोसियेशन मानदेय को एमबीबीएस चिकित्सकों के समतुल्य करने की लंबे समय से मांग कर रहा है। इसे मुख्यमंत्री ने पूरा कर दिया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि आयुर्वेद में काफी दम है। इस क्षेत्र में जितना शोध होना चाहिए था वह नहीं हुआ है। जब इस क्षेत्र में अनुसंधान होगा तो बहुत सारी बीमारियों का इलाज संभव हो सकेगा। यह मूल चिकित्सा पद्धति है। वह चाहते हैं कि बिहार के सारे आयुर्वेदिक कॉलेज ठीक से कार्यरत हों। मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद चिकित्सकों को कहा कि आप जिस पद्धति की पढ़ाई कर रहे हैं, उसी पर ध्यान दीजिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि जल्दबाजी में एलोपैथ की दवा लिखने लगें। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि पटना आयुर्वेद महाविद्यालय जो देश के पुराने कॉलेजों में है को अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान के रूप में परिवर्तित किया जाए। यह प्रस्ताव काफी पहले से लंबित है। राज्य सरकार इसके लिए सभी तरह के अंशदान और जमीन उपलब्ध कराने को तैयार है।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अगले एक साल में बिहार के उन चार आयुर्वेदिक कॉलेजों में पढ़ाई आरंभ हो जाएगी जहां पढ़ाई अभी बंद है। इसके लिए बेगूसराय में 47 पद की स्वीकृति मिल गयी है। बेगूसराय, दरभंगा, बक्सर और भागलपुर के लिए 156 पदों की स्वीकृति का मामला कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। आयुष मिशन के गठन होने से बिना व्यवहार के पड़े 32 करोड़ रुपये भी अब खर्च हो सकेंगे। शीघ्र ही आयुर्वेद की दवाओं की खरीद दस करोड़ की लागत से होगी और अस्पतालों में यह उपलब्ध होगी।
मानदेय : एमबीबीएस- 49 हजार रुपये, आयुष- 21 हजार व 25 हजार 200
यह निर्णय भी : बेगूसराय आयुर्वेदिक कॉलेज के लिए 47 पद स्वीकृत, बेगूसराय, बक्सर, दरभंगा और भागलपुर आयुर्वेदिक कॉलेज के लिए 156 पद को मिलेगी मंजूरी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। सूबे में संविदा पर कार्यरत 3021 आयुष चिकित्सकों को संविदा पर कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सकों के समतुल्य ही 49 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ज्ञान भवन में आयोजित आयुर्वेद पर्व के उद्घाटन समारोह में यह ऐलान किया। आयुर्वेद पर्व का आयोजन ऑल इंडिया आयुर्वेदिक कांग्रेस के तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम का आयोजन बिहार स्टेट आयुर्वेदिक कांग्रेस तथा स्वास्थ्य (आयुष) विभाग ने संयुक्त रूप से किया था। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद थे।
बिहार में 2010 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 1384 तथा 2015 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 1637 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति की गयी थी। 2010 में संविदा पर नियुक्त आयुष चिकित्सकों को 25 हजार दो सौ रुपये तथा 2015 में नियुक्त को 21 हजार रुपये का मानदेय मिलता है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मधुरेंदु पांडेय ने बताया कि ऐसोसियेशन मानदेय को एमबीबीएस चिकित्सकों के समतुल्य करने की लंबे समय से मांग कर रहा है। इसे मुख्यमंत्री ने पूरा कर दिया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि आयुर्वेद में काफी दम है। इस क्षेत्र में जितना शोध होना चाहिए था वह नहीं हुआ है। जब इस क्षेत्र में अनुसंधान होगा तो बहुत सारी बीमारियों का इलाज संभव हो सकेगा। यह मूल चिकित्सा पद्धति है। वह चाहते हैं कि बिहार के सारे आयुर्वेदिक कॉलेज ठीक से कार्यरत हों। मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद चिकित्सकों को कहा कि आप जिस पद्धति की पढ़ाई कर रहे हैं, उसी पर ध्यान दीजिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि जल्दबाजी में एलोपैथ की दवा लिखने लगें। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि पटना आयुर्वेद महाविद्यालय जो देश के पुराने कॉलेजों में है को अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान के रूप में परिवर्तित किया जाए। यह प्रस्ताव काफी पहले से लंबित है। राज्य सरकार इसके लिए सभी तरह के अंशदान और जमीन उपलब्ध कराने को तैयार है।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अगले एक साल में बिहार के उन चार आयुर्वेदिक कॉलेजों में पढ़ाई आरंभ हो जाएगी जहां पढ़ाई अभी बंद है। इसके लिए बेगूसराय में 47 पद की स्वीकृति मिल गयी है। बेगूसराय, दरभंगा, बक्सर और भागलपुर के लिए 156 पदों की स्वीकृति का मामला कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। आयुष मिशन के गठन होने से बिना व्यवहार के पड़े 32 करोड़ रुपये भी अब खर्च हो सकेंगे। शीघ्र ही आयुर्वेद की दवाओं की खरीद दस करोड़ की लागत से होगी और अस्पतालों में यह उपलब्ध होगी।
मानदेय : एमबीबीएस- 49 हजार रुपये, आयुष- 21 हजार व 25 हजार 200
यह निर्णय भी : बेगूसराय आयुर्वेदिक कॉलेज के लिए 47 पद स्वीकृत, बेगूसराय, बक्सर, दरभंगा और भागलपुर आयुर्वेदिक कॉलेज के लिए 156 पद को मिलेगी मंजूरी।
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