मांगों को ले धरना पर बैठे नालंदा कर्मचारी

मांगों को ले धरना पर बैठे कर्मचारी

नालंदा। संविदा पर आधारित कर्मचारियों ने राष्ट्रीय साक्षर मिशन के बैनर तले स्थानीय अस्पताल चौराहे के पास धरना दिया। जिसका नेतृत्व जिला कार्यक्रम समन्वयक अनिल कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि संविदा पर आधारित कर्मियों की हालत सबसे खराब है। उनके साथ मुगल शासक की तरह शोषण किया जा रहा है। केन्द्र प्रायोजित साक्षर कार्य में कार्यरत प्रेरक का मानदेय महज दो हजार है वहीं प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक लेखा समन्वयक का मानदेय तीन हजार है। उन्होंने कहा कि एक तो वेतन के रूप में मिलने वाली राशि कम है वहीं इन सेवकों को अठारह माह से वेतन नहीं मिल पाया है। जिसके कारण कर्मचारी भूख मरने की स्थिति से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी आवाज नहीं सुनती तो सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाई जाएगी। वहीं सभा को संबोधित करते हुए संघ के जिला महासचिव शिशंकर प्रसाद ने कहा कि जुल्म के खिलाफ अब संघ के सदस्य चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि समाज को साक्षर करने, सरकार की कल्याणकरी योजनाओं को कार्यान्वयित करने में संघ के सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है। वहीं शराबबंदी, दहेज प्रथा तथ बालविवाह उन्मूलन में भी इसके सदस्यों ने सराहनीय भूमिका निभाई बावजूद सरकार सरकार कर्मचारियों को उपेक्षा की नजर से देख रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अविलंब उनकी मांगों पर विचार नहीं करती तो संघ आन्दोलन करने को मजबूर होगा। इस मौके पर उमा प्रसाद वाजपेयी, अशोक कुमार, ¨पकी कुमारी, संगीता कुमारी, गणिता कुमारी, राजकुमार पासवान, लाला कुमार, आशुतोष कुमार, राममूर्ति चन्द्रमौली शर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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