बिहार बनेगा ‘बाल विवाह’ और ‘दहेज प्रथा’ से मुक्त

बिहार में शराबबंदी के सकारात्मक परिणामों से उत्साहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा मांधी के जन्मदिवस के मौके पर 02 अक्टूबर से प्रदेश में बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ सशक्त अभियान चलाने की आज घोषणा की।
बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ सशक्त अभियान
नीतीश ने महावीर वात्सल्य अस्पताल के ग्यारहवीं स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में सामाजिक आन्दोलनों की कमी रही है, लेकिन राज्य राजनीतिक परिवर्तन का केन्द्र रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक आन्दोलन बिहार में उतना सक्रिय नहीं रहा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद पूर्ण नशामुक्ति की ओर बढ़ रहे बिहार में 02 अक्टूबर से दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ सशक्त अभियान चलेगा।

नारी सशक्तिकरण, शराबबंदी, नशामुक्ति, बेटी रक्षक रथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि “मैंने राज्य में सत्ता को सामाजिक आन्दोलन की शुरुआत का आधार बनाने का प्रयास किया है। नारी सशक्तिकरण, शराबबंदी, नशामुक्ति, बेटी रक्षक रथ आदि की शुरूआत की गयी। बता दें कि पिछले साल बिहार में शराबबंदी जैसा सामाजिक सुधार हुआ है।
शराबबंदी ने राज्य में सामाजिक क्रांति का किया सूत्रपात-नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी ने राज्य में सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया है। शराबबंदी एवं नशामुक्ति के लिए बनायी गयी मानव श्रृंखला में चार करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया जो इसकी सफलता का परिचायक है। शराबबंदी का बड़ा प्रभाव समाज पर पड़ा है।

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