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भोजपुरी संगीत के अच्छे दिनों की याद दिलाता “होली हमरा ना भावे”

फगुआ के गीतन में विविधता बा , फगुआ माने खलिहा जोगीरा आ कबीरा ना ह , फगुआ मे बिरह बा ठिठोली बा महीनी बा बोलबाजी बा । फगुआ के गीतन में सामाजिकता बा , धार्मिक सनेश बा । अक्सर गांवे गवनई में फगुआ के क गो रुप देखे के सुने के मिलेला ।
आज के तारीख में जदि चंदन तिवारी , शैलेंदर मिसिर , सुरेन्दर कुमार , शारदा सिन्हा , भरत शर्मा , गोपाल राय आ कुछ एक गायक गायिका के छोड़ दिहल जाउ त युट्युब प अधिकतर गीत फगुआ के नाव प एकरुपता के ले ले बा , फुहरपन से भरल बा ।
अइसना समय में नियो बिहार , नितिन चंद्रा , नीतू चंद्रा , के टीम एह बिडियो ले के आइल बिआ । बलिया , युपी के शैलेंदर मिसिर के आवाज में सेमी क्लासिक , फोक के आवाज में फ्युजन , आशुतोष सिंह जी के संगीत से भरल एह विडियो गीत में नीतू चंद्रा आ मो. अली शाह के अभिनय बा ।
एक तरह से क्लासिकल आ फ्युजन के अदभुत प्रयोग बा , संगीत एकदम हट के , शैलेंन्दर के आवाज के बाजीगरी आ जादूगरी में कर्णप्रिय बन गइल बा । पहिले पहिल हम कइनी छठ आ फेरु चौथा क्लास के ड्राईंग के बाद फगुआ प एह विडियो के प्रस्तुति भोजपुरी गीत संगीत आ सिनेमा के क्षेत्र में बदलाव के दस्तक के पुरजोर तरिका से राख रहल बड़ुवे ।
holi hamraa na bhaaveविडियो के थीम एगो फौजी से जुड़ल बड़ुवे , जे सीमा प बा , तीज त्योहार परब के बात बा , ओहि थीम के ले के विरह के भाव , जवन भोजपुरी क्षेत्र के अक्सर विरहिन के अखड़त रुप देखावे ला । एह विडियो फिल्म के गीत के एक एक शब्द अपना के भोजपुरिया क्षेत्र , संस्कार से जोड़ रहल बड़ुवे । लहुरा देवर , कागा के उचरल जइसन भाव बिरहिन के भाव के त देखाइये रहल बा संगे संगे भोजपुरी के आपन ठेठपन आ शास्त्रीयता के देखा रहल बा ।
 

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