Seventh Central Pay Commission

Seventh Central Pay Commission
In a resolution dated 28th February, 2014, Government of India has appointed the Seventh Central Pay Commission comprising Justice Shri Ashok Kumar Mathur as Chairman, Shri Vivek Rae as full time Member, Dr. Ratin Roy as part time Member and Smt. Meena Agarwal as Secretary. The Commission is headquartered in Delhi and has been given 18 months from date of its constitution to make its recommendations. To this end the Commission will set up its team of Officers, Advisers, Institutional Consultants and Experts and call for required information and documents from Ministries and Departments of Government of India and various Service associations.
The dates of appointment and submission of recommendations of the previous six central pay commissions are as under-
Central Pay CommissionsDate of AppointmentDate of Submission of Report
First Pay CommissionMay, 1946May, 1947
Second Pay CommissionAugust, 1957August, 1959
Third Pay CommissionApril, 1970March, 1973
Fourth Pay CommissionJune, 1983Three Reports submitted in June, 1986;
December, 1986 and May, 1987 respectively
Fifth Pay CommissionApril, 1994January, 1997
Sixth Pay CommissionOctober, 2006March, 2008

 

3 Comments

  1. कामचोर कर्मियों को झटका दे सकता है सातवां वेतन आयोगWednesday, March 25, 2015 8:05:00 am

    सातवें वेतन आयोग से पगार में भारी वृद्धि की आस लगाए बैठे कामचोर कर्मचारियों को झटका लग सकता है। चौदहवें वित्त आयोग ने वेतनवृद्धि को कर्मचारियों के प्रदर्शन से जोड़ने की सिफारिश की है।

    केंद्र ने अगर इस सिफारिश पर अमल किया तो उन कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है जो कामकाज से जी चुराते हैं और जिनका प्रदर्शन अपेक्षानुरूप नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की। इसी रिपोर्ट में वित्त आयोग ने सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि को उनकी उत्पादकता से जोड़ने की सिफारिश की है।

    आम तौर पर सरकार वित्त आयोग की सिफारिशें खारिज नहीं करती है, इसलिए माना जा रहा है कि केंद्रीय कर्मियों की वेतन वृद्धि को उनके प्रदर्शन से जोड़ने संबंधी इस सिफारिश को सरकार लागू कर सकती है।वित्त आयोग ने कहा है कि वेतन वृद्धि को कर्मचारियों की उत्पादकता से जोड़ा जाए। साथ ही वेतन आयोग का नाम और संरचना बदलकर वेतन और उत्पादकता आयोग किया जाना चाहिए।

    इस आयोग की जिम्मेदारी कर्मचारियों का प्रदर्शन बेहतर बनाने के उपाय सुझाने की होनी चाहिए। आयोग ने कहा कि भविष्य में अतिरिक्त मानदेय को कर्मचारियों के प्रदर्शन से जोड़ा जाए। वित्त आयोग का कहना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से केंद्र का वेतन और भत्तों पर खर्च वर्ष 2007-08 से 2012-13 के दौरान बढ़कर दोगुना हो गया है।

    इस अवधि में रक्षा कर्मचारियों को छोड़कर बाकी अन्य सभी कर्मचारियों की सालाना प्रति व्यक्ति वेतन 1,45,722 रुपए से बढ़कर 3,25,820 रुपए हो गई है। इसके साथ ही राजस्व व्यय में वेतन और भत्तों पर खर्च का प्रतिशत भी बढ़ गया है। इसी तरह राज्य सरकारों पर भी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का बोझ भी इस अवधि में बढ़ता गया है।

    वर्ष 2012-13 में राज्यों के कर्मचारियों का प्रति व्यक्ति सालाना वेतन 2,12,854 रुपए से 5,49,345 रुपए के बीच है। वित्त आयोग ने हालांकि अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया है कि सातवें वेतन आयोग का केंद्र या राज्यों के खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा।

    वित्त आयोग का कहना है कि केंद्र और राज्यों को मिलकर अंतरराज्यीय परिषद जैसे मंच पर विचार-विमर्श कर वेतन व भत्तों में वृद्धि के संबंध में राष्ट्रीय नीति बनाना चाहिए।

    - See more at: http://naidunia.jagran.com/national-central-govt-may-give-seventh-pay-commission-on-performance-of-employee-314993#sthash.4cnGybmI.dpuf

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  2. seventh central pay CommissionWednesday, March 25, 2015 8:10:00 am

    After 14th Finance Commission, 7th pay panel’s report looms


    After the recommendations of the Fourteenth Finance Commission (FFC) forced the government to reduce its plan expenditure in the 2015-16 budget, the Union finance ministry fears its revenues will remain constrained in 2016-17 as well since it has to absorb the recommendations of the Seventh Pay Commission (SPC) in that year. The SPC will submit its report by October 2015. “The 7th Pay Commission impact may have to be absorbed in 2016-17.

    Read more at: http://www.livemint.com/Politics/EdlBeERuG0zXD2Jb3Knq2L/After-14th-Finance-Commission-7th-pay-panels-report-looms.html?utm_source=copy

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  3. उम्मीद है कि अगले साल जनवरी तक सरकार द्वारा गठित सातवां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट पेश कर देगा. इसके लिए सभी तबकों और वर्गों के सरकारी कर्मचारियों के संगठन अपनी-अपनी मांगें उसके सामने रख रहे हैं.
    आयोग के अध्यक्ष के सामने बहुत बड़ी चुनौती है कि वह इतने सारे कर्मचारियों के वर्ग के बीच कैसे संतुलन बनाएं. लेकिन इतना तय है कि इस बार सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाहें इतनी बढ़ जाएंगी कि बाकी लोग दांतों तले उंगली दबाते रह जाएंगे. यह आयोग देश के 36 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बनाया गया है. इसके अलावा इसमें लाखों की तादाद में पेँशनर भी शामिल हैं.

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    एक अंग्रेजी अखबार ने खबर दी है कि वेतन बढ़वाने के लिए जबर्दस्त कोशिशें हो रही हैं और हर तरह के संगठनों के प्रतिनिधि अपने मेमोरेंडम पत्र दे रहे हैं. वे न केवल वेतन में मोटी बढ़ोतरी चाहते हैं बल्कि अपने पदों को भी बेहतर करवाना चाहते हैं. यानी दूसरे विभागों की तुलना में अपने पद बराबरी पर रखना चाहते हैं.

    10 करोड़ लोगों को नौकरी

    अखबार के मुताबिक अगर वेतन आयोग ने पुराने आधार पर वेतन में बढ़ोतरी की तो कर्मचारियों की तनख्वाहें इतनी हो जाएंगी कि वे मालामाल हो जाएंगे. उदाहरण के लिए भारत सरकार के सचिव की बेसिक सैलरी 2.4 लाख रुपए हो जाएगी और इसके अलावा उसे डीए भी मिलेगा. इसी तरह कैबिनेट सचिव की सैलरी बढ़कर 2.7 लाख रुपए प्रति महीने हो जाएगी. इसके अलावा उसे डीए और अन्य तरह के भत्ते भी मिलेंगे. उन्हें शानदार बंगला, सरकारी वाहन वगैरह जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं.

    सरकारी नौकरी के लिए पढ़ें

    दरअसल पुराना फॉर्मूला यह है कि बेसिक सैलरी को तीन गुना कर दिया जाता है. कई वेतन आयोगों ने इस पर काम किया है. अब यह आयोग कौन सा फॉर्मूला लाता है यह देखना है. इसके अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज अशोक कुमार माथुर हैं. उनके साथ एक अर्थशास्त्री और दो नौकरशाह भी हैं.

    केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी प्राइवेट जॉब की तुलना में अभी ही ज्यादा है. वहां एक नए चपरासी को 14,000 रुपए महीना सैलरी मिलती है इसके अलावा उसे महंगाई भत्ता भी मिलता है. इसी तरह एक ड्राइवर की सैलरी 30,000 रुपए मासिक है जो प्राइवेट कंपनियों के ड्राइवरों की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है. अब इनकी सैलरी इतनी हो जाएंगी कि प्राइवटे कंपनियों के मैनेजर भी उनका मुकाबला नहीं कर पाएंगे.

    लेकिन बड़ा सवाल है कि इतने कर्मचारियों की इतनी बढ़ी हुई सैलरी भारत सरकार और रेलवे कैसे दे पाएगी?

    http://aajtak.intoday.in/education/story/7th-pay-revision-commision-will-give-huge-money-to-govt-employees-1-805444.html

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