Chitragupta puja 2023 date:इस साल कब मनाई जाएगी चित्रगुप्त पूजा, जाने तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Chitragupta puja 2023 date:इस साल कब मनाई जाएगी चित्रगुप्त पूजा, जाने तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Chitragupta Ji Maharaj Father of Kayastha Family ~ Wallpaper

Chitragupta puja 2023 date: चित्रगुप्त पूजा दिवाली के बाद मनाई जाती है, जो कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. इस दिन कायस्थ परिवार के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं और कलम-स्याही के बर्तन की भी पूजा की जाती है. इस दिन कायस्थ समाज के लोग न कागज उठाते हैं और न ही कलम. 

चित्रगुप्त पूजा दिवाली के बाद मनाई जाती है, जो कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है. भगवान चित्रगुप्त पृथ्वी पर मनुष्यों द्वारा किए गए अच्छे और बुरे कार्यों के अभिलेखों के संरक्षक हैं. जब कोई व्यक्ति मृत्यु के बाद यमलोक में प्रवेश करता है तो अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर उन्हें स्वर्ग या नरक में डाल दिया जाता है. अच्छे और बुरे कामों का हिसाब-किताब भगवान चित्रगुप्त ही रखते हैं. इस दिन कायस्थ परिवार के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं और कलम-स्याही के बर्तन की भी पूजा की जाती है. इस दिन कायस्थ समाज के लोग न कागज उठाते हैं और न ही कलम. आइए जानते हैं इस साल चित्रगुप्त पूजा कब मनाई जाएगी.

हर साल चित्रगुप्त पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. इस साल चित्रगुप्त पूजा 15 नवंबर को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 26 मिनट से प्रारम्भ हो रही है और 15 नवंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 47 बजे यह तिथि खत्म हो रही है. भगवान चित्रगुप्त के पूजा करने का अभिजित मुहूर्त 10 बजकर 48 बजे से दोपहर 12 बजकर 36 बजे तक रहेगा और अमृत काल मुहूर्त शाम 05 बजे से लेकर 06 बजकर 36 बजे तक रहेगा.

चित्रगुप्त पूजा का महत्व

चित्रगुप्त की पूजा कायस्थ परिवार के सदस्यों द्बारा इसलिए की जाती है क्योंकि इस दिन पूजा करने से ज्ञान साक्षरता, शाति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सभी लोग शिक्षा और साक्षरता के मूल्य पर जोर देने के लिए किताबें, कलम और स्याही के बर्तन जैसी वस्तुओं की भी पूजा करते हैं. बताया जाता है कि कमाने वाले परिवार के सदस्य पूजा के दौरान भगवान चित्रगुप्त को अपनी लॉगबुक देते हैं और अपने घर के भरण-पोषण के लिए आवश्यक राशि के अलावा साल भर में प्राप्त होने वाली आय को दर्ज करते हैं.

 

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