बकरा खरीदने के लिए रखे थे 60 हजार रुपए, बाढ़ पीढ़ितों का दर्द देखा तो मदद के लिए लगा दिए...

Sarkari Niyukti
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बकरा खरीदने के लिए रखे थे 60 हजार रुपए, बाढ़ पीढ़ितों का दर्द देखा तो मदद के लिए लगा दिए...

 भागलपुर के गोराडीह के 65 वर्षीय किसान मोहम्मद कमरुज्जमा ने इस बार एक अनूठी पहल की है। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करना बड़ा नेक काम है। त्योहार तो आते ही रहेंगे, लेकिन इस वक्त इंसानियत को बचाना जरूरी है। दरअसल जहां तीन दिन बाद बकरीद का पर्व मनाने को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की खरीद करने में जुटे हैं। वहीं कमरुज्जमा ने संकल्प लिया है, कि वह बकरीद पर इस बार बकरे की कुर्बानी नहीं देंगे। बकरीद पर बकरे की खरीद के लिए बचाकर रखे गए 60 हजार रुपए वह बाढ़ पीड़ितों की मदद में खर्च करेंगे। 
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क्योंकि कोसी क्षेत्र में आई बाढ़ के बाद मची तबाही उन्हें बकरे पर पैसे खर्च करने से रोक रही है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए ही वह इस साल वह वाजिब के अलावा मुसतहब के तौर पर करने वाली बकरे की कुर्बानी नहीं देने का फैसला लिया है। वह हर साल कई बकरे की कुर्बानी देते हैं। लेकिन इस साल वे उस पैसे से बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। 
मोहम्मद कमरुज्जमा ने 60 हजार रुपए में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत सामग्री खरीदी। दिन-रात मेहनत कर पैकेट तैयार किए। वे खुद तो बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में नहीं जा सके मगर अपने बेटे इंजीनियर मो. सुल्तानुज्जमा को राहत सामग्री देकर कटिहार जिले के सालमारी प्रखंड के मखदुमपुर गांव में भेजा। कमरुज्जमा खुशहाल किसान हैं और नेक काम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। राहत सामग्री के प्रत्येक पैकेट में 5 किलो चूड़ा, 1.25 किलो चना, एक किलो चीनी, एक टॉर्च, एक किलो मसूर दाल, आधा किलो नमक, दालमोट, बिस्कुट आदि है। 
वंचितोंऔर कमजोर तबकों की मदद की प्रेरणा कमरुज्जमा को बचपन में मां से मिली है। वह बताते हैं कि उनकी मां स्वर्गीय बीबी रुबेदा गरीबी में भी दूसरों की मदद करती थीं। मां से मिली प्रेरणा की वजह से आज वह बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आए। पहली बार वह पीड़ितों की मदद नहीं कर रहे हैं। पहले भी जब बाढ़ आई है तो कमरुज्ज्मा उन सबकी मदद के लिए आगे आए। 

News Source @ http://thehook.news/postdetail/index/id/65335/muslim-man-help-flood-victims 

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