संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेशव्यापी आव्हान पर लगभग 550 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं...



भोपाल/रायसेन। विभिन्न मांगों एवं अप्रैजल के विरोध में गुरुवार से मप्र संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेशव्यापी आव्हान पर शहर सहित जिले के लगभग साढ़े पांच सौ से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। जिलेभर में नियमित कर्मचारियों में से तीन गुना संख्या में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या है।

हड़ताल की वजह से जिला अस्पताल सहित जिलेभर के सभी सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। इस कारण मरीजों को इलाज के लिए तड़पना पड़ा। कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर भी हड़ताल का सीधा असर पड़ा। उधर कर्मचारी नेता जावेद खान ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी, हड़ताल जारी रहेगी।



ब्लड बैंक के बुरेहाल
ब्लड बैंक में भी ट्रेनर स्टूडेंट और नर्सेंं, मरीजों व उनके परिजनों का ब्लड टेस्ट करते नजर आए। ऐेसे में मरीजों की जान से सीधा खिलवाड़ किया जा रहा है। मरीजों को समय पर इंजेक्शन तक नहीं लग पाए। धनियाखेड़ी के धनसिंह बैरागी ने कहा कि अस्पताल में वैसे ही विशेषज्ञ नहीं से उसके चर्मरोग का इलाज नहीं हो पा रहा है। गुरुवार को तो उसे इंजेक्शन तक नहीं लग पाया।

जारी रहेगा धरना
धरने का नेतृत्व संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के कार्यकारी जिला अध्यक्ष मोहम्मद जावेद खान कर रहे हैं। पंडित दीनदयाल शॉपिंग कॉम्पलेक्स महामाया चौक के दूसरे फ्लोर पर ये कर्मी धरने पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि मांगे पूरी नहीं होने तक धरना जारी रहेगा।

'अप्रैजल के नाम पर होती है कमीशनखोरी, मांगी जाती है रिश्वत'
कार्यकारी जिलाध्यक्ष जावेद खान, सुनील राय, वासिद खान का कहना है कि तीन दिनों से भोपाल में प्रदर्शन चल रहा है। शेष कर्मचारी जिला स्तर पर धरना दे रहे हैं। कल स्वास्थ्य मंत्री से भी उनकी वार्ता विफल हो गई है। हड़तालियों की मुख्य मांग अप्रैजल बंद कराया जाना है। कर्मचारियों का कहना है कि हर साल अप्रैजल के नाम पर अफसर मोटी कमीशनखोरी का दबाव डालकर रिश्वत की मांग करते हैं, जबकि नियुक्ति के समय ही उनका साक्षात्कार लिया जा चुका है। पूर्ण रूप से काम करने में दक्ष होने के बाद ही तो उन्हें नियुक्ति दी गई है।

इधर कर्मचारी धरने पर, उधर परेशान हुए मरीज
गुरुवार को सुबह से शाम तक जिला अस्पताल आए मरीजों और घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल सका। अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों, ट्रेनरों ने टीके लगाए। एसएनसीयू, टीकाकरण कक्ष के साथ मेल- फीमेल वार्ड में मरीजों के अटेंडर इधर उधर भटकते नजर आए।

ये काम हो रहे प्रभावित
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जिला अस्पताल समेत जिलेभर के अस्पतालों में आरबीएस के अंतर्गत दवाओं का वितरण कार्य प्रभावित हो रहा है। बच्चों का समय पर स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं हो पा रहा है। अनट्रेंड कर्मचारी टके लगा रहे हैं और दवाईयां का वितरण कर रहे हैं। गांवों में टीकाकरण कार्य पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है। एसएनसीयू यूनिट में अप्रशिक्षित कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। पैथोलॉजी लैब में भी जांचें आदि काम पर असर पड़ रहा है।

कर्मचारी नहीं मिला, ड्राइवर ने उतारा सिलेंडर
एसएनसीयू के बाहर 108 एम्बुलेंस का चालक करीब डेढ़ घंटे तक परेशान होता रहा। हड़ताल होने की वजह से कोई कर्मचारी एम्बुलेंस में से ऑक्सीजन सिलेंडर उतरवाने नहीं आया। थक हार कर आखिर में एम्बुलेंस चालक ने ही वह सिलेंडर उतारा और उसे एसएनसीयू में रखवाया, जबकि उसे रैफर मरीजों को हमीदिया हास्पिटल भोपाल लेकर जाना था।

जिला अस्पताल में हड़ताल से कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा है। इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की जगह वैकल्पिक तौर पर दूसरे कर्मचारियों से काम कराया जा रहा है। हमने ट्रेंड कर्मचारियों को ही तैनात किया है।
डॉ. बीबी गुप्ता, सिविल सर्जन रायसेन।
http://www.patrika.com/news/employee-corner/contract-health-workers-strike-in-raisen-mp-1511788/

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